लेखनी प्रतियोगिता -15-Feb-2024
नमन मंच विषय ब्लैक डे 14 फरवरी का दिन कितनी पत्नियों की आस होगी
क्या पता उनके सैनिक पति की आखिरी सांस होगी
बेटा पूछता है क्या हुआ क्या हुआ कब पिता से बात होगी
खबर मिलती है आतंकवादी हमला में इतने सैनिक शहीद हुए
ये भारत के लिए बेहद दुख की बात होगी
कितने घर के चिराग बुझ से गए होंगे
जाने कितने दुख से परिवार जूझ रहे होंगे
कितनी बहन की राखी की आस होंगी
क्या पता ये मेरे भाई की अंतिम सांस होगी
पत्नी लड़ती झगड़ती रूठती मानती होंगी
देश के लिए काम करते हो ये सोच कभी कभी इतराती होगी
बेटा जो सुपरहीरो कह मुझे भी पिता सा बनना है कहता है
वो आज तुम नींद में सोए हो ये कैसे सहता है
मां बाप का सीना कितना गर्व से चौड़ा था
अब देखो एक पिता खबर सुन नंगे पैर ही दौड़ा था
देश का शोक है आज तो सबकी आंखे भीगी है
लिपटे तिरंगे झंडे को देख कितनी पत्नी चीखी है
छोड़ गए तुम मुझको ऐसे अभी तो मेरी मेंहदी का रंग न मिटा
देखो ने एक बार कितना दुखी है बुजुर्ग पिता
लिखते लिखते मेरी आंखे भी थोड़ी भर आई है
देश के लिए पुलवामा हमला की झलक बताई है।। मानसी सविता। कानपुर
Gunjan Kamal
16-Feb-2024 07:57 AM
👌👏
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Mohammed urooj khan
15-Feb-2024 12:02 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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KALPANA SINHA
15-Feb-2024 08:19 AM
So sad but good efforts
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